सफ़र जल्दी ही अपनी स्थापना के दो साल पूरे करने जा रहा है. इस अवधि में अपनी सीमित ताक़त के बावजूद सफ़र ने दिल्ली और बिहार में तरह-तरह के प्रयोगात्मक काम किए हैं. एक ओर दिल्ली में जहां ‘अभिव्यक्ति’ (डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर हर साल दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम), जाति, जेंडर, धर्म इत्यादि जैसे ज्वलंत सामाजिक मुद्दों पर सेमिनार तथा गोष्ठी, क़ानूनी सलाह व सहायता शिविर, सूचना के अधिकार क़ानून पर जनजागरण अभियान – सफ़र के प्रमुख कार्यक्रम बन चुके हैं. वहीं दूसरी ओर इसने बिहार के दो पिछड़े क्षेत्रों में भी शिक्षाघर, किताबघर, क्लब, तथा मीडियाघर जैसे प्रयोग भी आरंभ कर दिए हैं. इसी दौरान संगठन ने पिछले साल नयी दिल्ली में आयोजित इंडियन सोशल फ़ोरम में भी हिस्सा लिया, और सरहद पार (पाकिस्तान) से आए शांतिदूतों के साथ साझा बैठकें भी कीं. संस्था के युवा और छात्र साथियों ने दिल्ली के कुछ पुनर्वास बस्तियों का एक विस्तृत अध्ययन भी किया.
विगत 2 सितंबर 2007 को पिछली कार्यकारी समिति की बैठक में अन्य बातों के अलावा निम्नलिखित फ़ैसले लिए गए:
मीडिया, क़ानून और शिक्षा – इन तीन बिंदुओं के इर्द-गिर्द ही सफ़र अपके कार्यक्रमों को केंद्रित करेगा.
1 यह तय किया गया कि संस्था दिल्ली में छात्रों और नौजवानों के बीच ज्यादा काम करेगी. इसके लिए कुछ कॉलेजों व स्कूलों को चिन्हित किया जाएगा और मीडिया, क़ानून तथा अन्य ज़रूरी सामाजिक मसलों पर सेमिनारों, कार्यशालाओं, गोष्ठियों इत्यादि के माध्यम से उनसे रू ब रू हुआ जाएगा ताकि वे जागरूक हों और अपने आसपास सामाजिक मसलों पर सक्रिय हो सकें.
3 यह भी तय किया गया कि सफ़र के कुछ सदस्य समय-समय पर मीडिया पढाए जाने वाले कॉलेजों में छात्रों के पाठ्यक्रम में मदद करें.
4 मीडिया के विभिन्न स्वरूपों के साथ प्रयोग सफ़र के महत्तवपूर्ण सरोकारों में से एक है. अक्टूबर 2007 से संस्था 8 पृष्ठों का एक न्यूजलेटर या अख़बार शुरू करेगी. पहले यह हिन्दी में होगा जिसे अगले कुछ महीनों में सुविधानुसार अंग्रेजी में भी प्रकाशित किया जाएगा. साथ ही अगले दो महीने में संस्था सामुदायिक वीडियो इकाई भी आरंभ करेगी, जिसके ज़रिए रोज़मर्रा के विभिन्न मसलों पर छोटे-छोटे वीडियो और एनिमेशन का प्रॉडक्शन किया जाएगा.
यह जानते हुए कि संस्था की रोज़मर्रा के ख़र्च के लिए कोई कोश नहीं है, और न ही संस्था किसी बड़े अनुदान में यक़ीन रखती है – तय किया गया कि संस्था के कोर सदस्य कुछ निश्चित राशि हर महीने संस्था की कोश में जमा करें. साथ ही सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास किए जाएं. शुभचिंतकों या ऐसे सदस्यों से भी कुछ निश्चित राशि प्रति माह इकट्ठे किए जाएं जो इसके कार्यक्रमों और नीतियों से सहमत हैं.
इसके अलावा संस्था अपने पेशेवर सदस्यों की मदद से विभिन्न संगठनों और संस्थाओं के लिए पेशेवर काम भी करेगी ताकि संस्था के लिए कुछ कोश जुटाया जा सके. संस्था शोध, अनुवाद, संपादन, डिज़ाइन संबंधी काम कर सकती है, इसके अलावा जाति, जेंडर, क़ानून और मीडिया संबंधी कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षक और फ़ेसिलिटेटर भी मुहैया करा सकती है.
(ii) संयोजक, लीगल सेल चंद्रा निगम
(iii) स्कूल संयोजक नरेश कुमार
(iv) शोध संयोजक नरेश गोस्वामी
(v) विस्तार संयोजक आदित्य नाथ
(vi) मीडिया और प्रकाशन संयोजक भावना
(vii) छात्र संयोजक चंचल मेहलावत
(viii) वित्त संयोजक शीतल श्याम
(ix) दिल्ली संयोजक गौतम जयप्रकाश
बैठक में सफ़र, बिहार की गतिविधियों की भी समीक्षा की गयी और भावी कार्यक्रमों पर विचार किया गया. फिलहाल बिहार में संस्था की तरफ़ से शिवहर जिले के तरियानी छपरा गांव में 5 शिक्षाघर, एक किताबघर, एक क्लब चलाए जा रहे हैं. हाल ही में तीन स्थानीय कार्यकर्ता सफ़र, दिल्ली के दो अन्य साथियों के साथ उदयपुर में 10 दिवसीय फिल्म निर्माण कार्यशाला में प्रशिक्षण लेकर आए हैं. अब वहां के स्थानीय कार्यकर्ता गांव में एक मीडियाघर स्थापित करने की धुन में लगे हुए हैं. फिलहाल तरियानी छपरा में सफ़र के पास एक कंप्यूटर (लैपटॉप) तथा एक हैंडीकैम है. नियमित दो घंटे की बिजली आपूर्ति न होने की वजह से वहां मीडियाघर के काम में बाधा आ रही है. साथ ही इंटरनेट के अभाव के कारण बहुत सारी तकनीकी समस्याओं से निपटने में भी उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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