मंगलवार, 1 जुलाई 2008

सफ़र का सफ़र है ...

प्रिय भाई यश मालवीय ने सफ़र के लिए ख़ास तौर से ये गीत लिखा है. विवेक भाई ने इसकी धुन बनाई और आवाज़ भी दिया है. पेश है 'सफ़र का सफ़र है ...' के दो मुखड़े. आपकी राय का इंतजार रहेगा.

कोई टिप्पणी नहीं: