गुरुवार, 17 अप्रैल 2008

अभिव्यक्ति 03 में बच्चों की धूम

भगत सिंह की शहादत 31 मार्च, महात्मा जोतीराव फुले जयंती 11 अप्रैल और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल के उपलक्ष्‍य में 12-14 अप्रैल को दिल्‍ली में एक तीन दिवसीय सांस्कृतिक मेला 'अभिव्यक्ति' का आयोजन किया गया. सफ़र द्वारा तिमारपुर में आयोजित किए गए इस मेले में तीन दिनों में लगभग 5 हज़ार लोग शामिल हुए.

लगातार तीसरी बार आयोजित इस 'अभिव्यक्ति' में तिमारपुर और आसपास के 15 स्कूलों के क़री 150 बच्चों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह दौड़ प्रतियोगिता के साथ हुई जिसमें 8 से 15 साल तक के क़रीब 60 बच्चों ने हिस्सा लिया. छह समूह में बच्चों के लिए हुई दौड़ प्रतियोगिता में यामिनी, रुचि, दिग्विजय, राहुल, प्रिया, पंकज, कृतिका, अभिषेक, राहुल खत्री, राहुल अवस्थी प्रथम, द्वि‍तीय और तृतीय स्थान प्राप्‍त किया. क़रीब 11 बजे कबड्डी प्रतियोगिता हुई जिसमें कुल 40 बच्चों ने हिस्सा लिया. चार टीमों के बीच हुए इस मुक़ाबले में राहुल अवस्‍थी, मानसी, अभिनव ने बे‍हतरीन प्रदर्शन किए और बड़े-बड़े बच्चों के दांत खट्टे कर दिए. अभिनव और राहुल अवस्थी के मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया.

दोपहर बाद बच्चों द्वारा 'अभिव्यक्ति' 02 में बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी लगायी गयी जिसमें रोज़मर्रा के विभिन्न समस्याओं पर बच्चों द्वारा पिछले साल बनाए गए कुल 76 चित्र प्रदर्शित किए गए.

अगले दिन यानी 13 अप्रैल को इलाक़े में प्रभात फेरी निकाली गयी जिसमें क़रीब 125 बच्चों ने भाग लिया. तख्‍ती, झंडे और बैनर लिए बच्चे अल्लसुबह नारेबाजी करते हुए और गीत गाते हुए पूरे इलाक़े में घुमे और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया तथा अभिव्यक्ति के बारे में बताया. उसके बाद 11 बजे के आसपास दिल्ली सरकार आवसीय परिसर स्थित मनोरंजन कक्ष में एक कठपुलती कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में अतिथि कलाकार शंभु भट्ट और लाला भट्ट ने बच्चों ने कठपुतली बनाना सिखाया. बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ उस कार्यशाला में हिस्सा लिया.

शाम को छह बजे मुख्‍य मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई. ज्योत्सना और प्रिमी के युगल नृत्य ने शुरुआत ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उसके बाद एक के बाद एक बच्चों द्वारा नृत्य और गीत पेश किए गए. आठ बजे कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई. जाने-माने गीतकार और कवि यश मालवीय की अध्‍यक्षता में हुए कवि सम्मेलन में कर्मशील भारती, अनिता भारती, रजनी तिलक, शैलेष भारतवासी, राजीव रंजन प्रसाद, आलोक कुमार, मनोज कुमार, अमित कुमार, बलराम कांवट, शील बोध समेत लगभग दो दर्जन कवियों ने अपना काव्य पाठ किया. लगभग 600 लोगों के बीच खुले मैदान में हुए इस काव्य पाठ ने बाबा नागार्जुन और हरिवंश राय बच्चन के ज़माने के कवि सम्मेलनों की याद ताज़ा कर दी.

कवि सम्मेलन के बाद राजस्‍थानी लोक कलाकारों ने अपना कार्यक्रम पेश किया. डेढ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में लोग जमे रहे और कलवेलिया नृत्य, कच्ची घोड़ी इत्यादि कार्यक्रमों का जमकर आनंद लिया.

अगली किस्त में पढिए आगे के कार्यक्रम के बारे में

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