शनिवार, 26 अप्रैल 2008
अभिव्यक्ति 03: बाबा साहेब जयंती पर बच्चों का कार्यक्रम
दोपहर बाद डेढ़ बजे बिमल रॉय कृत 'दो बीघा ज़मीन' का प्रदर्शन किया गया. लगभग 70 लोग फिल्म के अंत तक टिके रहे और आखिर में हुई चर्चा में शामिल भी हुए. बातचीत के दौरान बच्चों ने भी कई सवाल किए और जवाब भी सुझाए.
शाम 6 बजे एक बार फिर मुख्य स्टेज पर कार्यक्रम का आरंभ बाल गीतों के साथ हुआ. एक के बाद एक बच्चों ने खूबसूरत नृत्य पेश किए. बच्चों द्वारा पर्यावरण, दहेज तथा भ्रष्टाचार पर तैयार किए गए लघु नाटक भी बेहद सराहनीय रहे.
भोजपुरी, बांग्ला और राजस्थानी गीतों पर छोटे-छोटे बच्चों के नृत्य को देखकर लोग भाव विभोर हो गए.
कार्यक्रम की अगली कड़ी में अरविंद गौड़ के निर्देशन में 'अनसुनी' का मंचन किया गया. रोजमर्रा की पांच अलग-अलग कहानियों पर आधारित इस नाटक को दर्शकों ने खूब सराहा. लगभग एक घंटे तक नाटक के दौरान न केवल दर्शक टिके रहे बल्कि आसपास से गुजरने वाले लोग भी खड़े हो गए और नाटक का आनंद लिया.
मशहूर क़व्वाल उस्ताद ज़फर निजामी के सुफीयाना कलामों के साथ इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ. कार्यक्रम के अंत में विभिन्न गतिविधियो में भाग लेने वालों और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया.
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान रजनीश कुमार, ज्योति निगम, विनित कुमार, भावना, राजेश कुमार, मुकेश कुमार, सोनू, नीरज, पंकज, रूचि, डॉली, यामिनी, चंद्रा निगम, गौतम जयप्रकाश, शोभा, आशा, सुमन, राहुल, राजीव रमण इत्यादि कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय रही.
गुरुवार, 17 अप्रैल 2008
अभिव्यक्ति 03 में बच्चों की धूम
लगातार तीसरी बार आयोजित इस 'अभिव्यक्ति' में तिमारपुर और आसपास के 15 स्कूलों के क़रीब 150 बच्चों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह दौड़ प्रतियोगिता के साथ हुई जिसमें 8 से 15 साल तक के क़रीब 60 बच्चों ने हिस्सा लिया. छह समूह में बच्चों के लिए हुई दौड़ प्रतियोगिता में यामिनी, रुचि, दिग्विजय, राहुल, प्रिया, पंकज, कृतिका, अभिषेक, राहुल खत्री, राहुल अवस्थी प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया. क़रीब 11 बजे कबड्डी प्रतियोगिता हुई जिसमें कुल 40 बच्चों ने हिस्सा लिया. चार टीमों के बीच हुए इस मुक़ाबले में राहुल अवस्थी, मानसी, अभिनव ने बेहतरीन प्रदर्शन किए और बड़े-बड़े बच्चों के दांत खट्टे कर दिए. अभिनव और राहुल अवस्थी के मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया.
दोपहर बाद बच्चों द्वारा 'अभिव्यक्ति' 02 में बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी लगायी गयी जिसमें रोज़मर्रा के विभिन्न समस्याओं पर बच्चों द्वारा पिछले साल बनाए गए कुल 76 चित्र प्रदर्शित किए गए.
अगले दिन यानी 13 अप्रैल को इलाक़े में प्रभात फेरी निकाली गयी जिसमें क़रीब 125 बच्चों ने भाग लिया. तख्ती, झंडे और बैनर लिए बच्चे अल्लसुबह नारेबाजी करते हुए और गीत गाते हुए पूरे इलाक़े में घुमे और नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया तथा अभिव्यक्ति के बारे में बताया. उसके बाद 11 बजे के आसपास दिल्ली सरकार आवसीय परिसर स्थित मनोरंजन कक्ष में एक कठपुलती कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में अतिथि कलाकार शंभु भट्ट और लाला भट्ट ने बच्चों ने कठपुतली बनाना सिखाया. बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ उस कार्यशाला में हिस्सा लिया.
शाम को छह बजे मुख्य मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई. ज्योत्सना और प्रिमी के युगल नृत्य ने शुरुआत ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उसके बाद एक के बाद एक बच्चों द्वारा नृत्य और गीत पेश किए गए. आठ बजे कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई. जाने-माने गीतकार और कवि यश मालवीय की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन में कर्मशील भारती, अनिता भारती, रजनी तिलक, शैलेष भारतवासी, राजीव रंजन प्रसाद, आलोक कुमार, मनोज कुमार, अमित कुमार, बलराम कांवट, शील बोध समेत लगभग दो दर्जन कवियों ने अपना काव्य पाठ किया. लगभग 600 लोगों के बीच खुले मैदान में हुए इस काव्य पाठ ने बाबा नागार्जुन और हरिवंश राय बच्चन के ज़माने के कवि सम्मेलनों की याद ताज़ा कर दी.
कवि सम्मेलन के बाद राजस्थानी लोक कलाकारों ने अपना कार्यक्रम पेश किया. डेढ घंटे तक चले इस कार्यक्रम में लोग जमे रहे और कलवेलिया नृत्य, कच्ची घोड़ी इत्यादि कार्यक्रमों का जमकर आनंद लिया.
अगली किस्त में पढिए आगे के कार्यक्रम के बारे में